राज्यसभा में उठा ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द के प्रयोग का मुद्दा, ‘शारीरिक दूरी’ कहने की मांग

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नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने कोविड-19 महामारी के सिलसिले में उपयोग किए जा रहे शब्द ”सामाजिक दूरी” को संदर्भ से पूरी तरह प्रतिकूल बताते हुए कहा कि इसकी जगह ”शारीरिक दूरी” शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसे एक महत्वपूर्ण सुझाव बताते हए कहा कि ”सुरक्षित दूरी” कहना भी बेहतर होगा।
तृणमूल कांग्रेस के डा शांतनु सेन ने विशेष उल्लेख के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए कहा ”सामाजिक दूरी कहने पर एक तरह से सामाजिक कलंक का अहसास होता है। इसके और भी प्रतिकूल मायने हैं जैसे सामाजिक बहिष्कार या अलग-थलग कर दिया जाना आदि।
सेन ने कहा ”कोविड-19 महामारी कब तक रहेगी, कहा नहीं जा सकता। इसलिए कोविड-19 को लेकर सामाजिक दूरी शब्द का इस्तेमाल कतई नहीं किया जाना चाहिए।”
सभापति नायडू ने उनके इस सुझाव को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने यह भी कहा ”सामाजिक दूरी की जगह सुरक्षित दूरी भी कहा जा सकता है।”
आपको बता दें कि आज संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन है। लोकसभा की कार्यवाही आज दोपहर तीन बजे फिर शुरू होगी। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से जारी है।