इस्कॉन सेक्टर-45 में जन्माष्टमी महा-महोत्सव 19 को होगा: अच्युत हरि दास

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मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) : गुरुग्राम, वरिष्ठ पत्रकार रेखा वैष्णव ने बताया कि इस्कॉन सेक्टर-45 का श्री सर राधा गोपीनाथ मंदिर 19 अगस्त 2022 को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए तैयार है। कोविड-19 स्थिति के बाद त्योहारी सीजन एक धमाके के साथ लौटा है। इसलिए इस साल जन्माष्टमी का उत्सव एक बड़ी हिट होगी। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए इस्कॉन सेक्टर 45 मंदिर तीन दिवसीय उत्सव कार्यक्रम के साथ आया है।

इस्कॉन बादशाहपुर के अध्यक्ष अच्युत हरि दास का कहना है कि इस साल हम इस अवसर को तीन दिनों तक मनाएंगे। पहले दिन यानी 17 अगस्त को बड़े कीर्तन, कृष्ण कथा और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 18 अगस्त को भी झूलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम व कीर्तन होगा। हम 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाते हैं। समारोह की शुरुआत मध्यरात्रि में मंगल आरती, भोग आरती, कलश अभिषेक और महाभिषेक के साथ होगी। आरती करने के लिए कोई हमारी वेबसाइटपर लॉग इन कर सकता है और अपनी आरती और कलश अभिषेक बुक कर सकता है, अच्युत हरि दास, अध्यक्ष इस्कॉन सेक्टर-45 मंदिर गुरुग्राम ने कहा।

 

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के बड़े इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालु भगवान के दर्शन आसानी से कर सकें। आधी रात को महाभिषेक समाप्त होने के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। उत्सव के लिए मुख्य मंदिर के साथ आसपास की सड़कों को भी कोलकाता लाइट से सजाया गया है। आधी रात को भगवान कृष्ण को कई वस्तुओं से स्नान कराया जाएगा। जन्माष्टमी के अगले दिन हम प्रभुपाद-इस्कॉन वल्र्ड वाइड के संस्थापक का प्रकटन दिवस भी मनाएंगे। दास ने अपील की कि हम आप सभी से इस दिव्य अवसर का हिस्सा बनने का अनुरोध करते हैं। श्री राधा गोपीनाथ के दर्शन प्राप्त करें और आशीर्वाद प्राप्त करें और इस सबसे शुभ दिन पर आनंद का अनुभव करें।

 

इस्कॉन सेक्टर-45 गुरुग्राम मण्डली का एक महान और समृद्ध इतिहास है। लगभग 20 साल पहले शुरू हुए लोगों के एक छोटे से जमावड़े से, इस्कॉन गुरुग्राम ने खुद को एक छोटे से प्रचार केंद्र से एक पूर्ण मंदिर में बदलकर एक लंबा सफर तय किया है। सामूहिक गतिविधियों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, मूल्य-शिक्षा कार्यक्रम, मंत्र ध्यान, शाकाहारी कर्म-मुक्त खाना बनाना, इस्कॉन के फूड फॉर लाइफ  प्रोग्राम के तहत बेसहारा और बेघरों को मुफ्त प्रसाद का वितरण, वैदिक पुस्तकों का वितरण, कीर्तन संगीत कार्यक्रम, हरिनम संकीर्तन शामिल हैं।