उच्च न्यायालाय के न्यायाधीश ने सूरजकुंड मेले में स्टॉलों का किया अवलोकन, कलाकारों के हुनर को सराहा

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सूरजकुंड : हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ऑगेस्तीन जॉर्ज मसीह ने कहा है कि जिलास्तर पर कानूनी जागरूकता के प्रसार में विधिक सेवाएं प्राधिकरण अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बंदियों के द्वारा बनाए जा रहे सुंदर उत्पादों की सराहना की। उनके साथ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद गोयल भी उपस्थित रहे।

चंडीगढ़ हाईकोर्ट से आए न्यायाधीश ऑगेस्तीन जॉर्ज मसीह ने आज सूरजकुंंड मेला परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने यहां रखी कानून प्रचार सामग्री व स्लाईड पर दिखाई जा रही वीडियो फिल्मों को देखा। फरीदाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवीर ङ्क्षसह राठौर ने उन्हें बताया कि यहां आम नागरिकों के अलावा स्कूली छात्र-छात्राएं भी आ रहे हैं, जिनको कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाती है। सेशन जज के साथ हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने जेल की स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

न्यायाधीश एजी मसीह ने कहा कि बंदियों से रचनात्मक कार्य करवाना उनके जीवन में नई रोशनी लेकर आएगा। जेल से निकलने  के बाद ये बंदी अपने किए गए कार्य के अनुसार कारोबार अपना कर आसानी से आजीविका कमा सकते हैं। इस मौके पर जेल अधीक्षक जेके छिल्लर ने माननीय न्यायाधीश को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिवादन किया। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने दिव्यांगों के लिए बनाई गई संस्था हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट की स्टाल पर मूक-बधिर दिव्यांगों के बनाए गए डिजाईनर बैग, रेडिमेड कपड़ों को देखा तथा उनके हुनर की तारीफ की। इस अवसर पर संस्था की ओर से भी माननीय न्यायाधीश को सम्मानित किया गया। श्री एजी मसीह व प्रमोद गोयल के साथ एसीजेएम तैय्यब हुसैन, सीजेएम संदीप चौहान, डीएलएसए से सचिव व सीजेएम मंगलेश कुमार चौबे, सीजेएम हालसा कविता कांबोज, पैनल एडवोकेट रविंद्र गुप्ता, अर्चना गोयल, शिव कुमार भी उपस्थित रहे।
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हिमाचल के कलाकारों ने वैवाहिक रस्मों का किया सुंदर वर्णन

अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला परिसर की बड़ी चौपाल के मंच पर आज सुबह हिमाचल कांगड़ा जिला से आए सरस्वती स्वर संगम के कलाकारों ने झमकड़ा लोकनृत्य की मनभावन प्रस्तुति दी। चौपाल के मंच पर दिखाए गए हिमाचल लोकनृत्य में कांगड़ा जिला की वैवाहिक रस्मों व परंपराओं को मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया। इसमें वधू को उबटन लगाना, तेल-सांदी लगाना, समूहत आदि को गीत संगीत के साथ बारात आगमन तक पूरी की गई। बारात आने के बाद वर-वधू पक्ष के बीच मीठी-मीठी नोंकझोक  होती है। अंत में फेरे होने के बाद बेटी को विदा कर दिया जाता है। इस नृत्य की प्रस्तुति में पूनम शर्मा, गायिका मीना, नर्तक मारवीन, सीमा, रैना, यशा, आराधना, आरती, नेहा, कुसुम, हिरन सिंगा वादक मुनीर मोहम्मद, ढोलक वादक मोनी, हारमोनियम मास्टर रिंकू, खंजरी वादक जितेंद्र इत्यादि मौजूद रहे। उनके अलावा जैनेंद्र सिंह, विवेक भारद्वाज, शशी वर्मा, अरूण शर्मा, इत्यादि ने आयोजन में अपना सहयोग दिया।
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राजस्थानी घूमर ने सूरजकुंड मेले में आए दर्शकों का मोहा मन

राजस्थान के कलाकारों ने आज प्रमुख मंच पर घूमर की मनोहारी प्रस्तुति दी।बड़ी चौपाल पर आज जब घूमर के कलाकार सधे सुर से गाते हुए आए तो एकबारगी तो श्रोता उनकी स्वरलहरियों को सुनकर झूम उठे। कासिम खान, महबूब खान व उनकी टीम के कलाकारों ने ओ लाडली घूमर में रमया री ओ सां…नाचवां नै गई सां, बाजूबंद भूल आई हो..आदि गीत काफी कर्णप्रिय गीत थे, जिन पर एक ताल मिलाकर नृत्य किया जा रहा था। यह राजस्थान के पौराणिक नृत्यों में से एक है। कासिम खान ने बताया कि राजा जब युद्घ जीतकर आते थे तो उस समय ये घूमर किया जाता था।