चीन की दोहरी चाल: भारतीय सीमा पर चुपके से बसा डाले 624 ‘गांव’, बढ़ सकती है भारत की टेंशन

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जहां एक तरफ चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के साथ गलवान घाटी पर शांति की बात करने को कहते है तो वही दूसरी तरफ चीन गुप्त चालों से भारत की जासूसी करना चाहता है। चीन ने भारत और भूटान की सीमा से सटे विवादित इलाकों पर 624 गांव बसा डाले हैं। उसने यह दावा किया है कि यह गांव तिब्बत के चरवाहों के लिए बनाए गए है जबकि सूत्रों की माने तो इन गांवो को बसाने का असली मकसद भारतीय क्षेत्र की जासूसी करना हैं। हिमालय की गोद में बसाए यह गांव विवादित सीमा या फिर कब्जे वाले इलाके में है। 2017 में चीन ने इन गांवों की निर्माण शुरू किया था जो 2021 में संपूर्ण हो गया। चीन के रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि,” इन गांवों का निर्माण 2021 में पूरा हो गया है। भारत जहां चुनावों और घरेलू राजनीति में व्यस्त है, वही हमने चुपके से भारती सीमा पर 624 गांव बसा डाले है। यह गांव तिब्बती चरवाहों के लिए बनाए गए है।”

चीन ने दावा किया कि  इन गांवो में बिजली, इंटरनेट, पानी और मजबूत सड़के बनाई गई है। जिस वजह से इन इलाकों में समृद्धि, स्थिरता, जातीय एकता और प्रगति आई है। यहां खाने, कपड़े, घर और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी बेहतर हो गई है। लोग यहां रह कर पैसा कमा सके इसलिए यहां जरूरत के हिसाब से उद्दोग भी लगाए जा रहे  है। सूत्रों के मुताबिक चीन ने लोगों को पैसे देकर इन गांवों में बसने के लिए कहा है। लोग यहां आशियाना बसाने को लेकर हिचकिचा रहे थे क्योंकि इस इलाके में भारत और चीन के बीच तनातनी चलती रहती है।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक यह गांव काफी दूर दराज इलाके में बनाए गए है। यहां का मौसम भी लोगों के रहने के अनुकूल नहीं है। ऐसे में लोगों को लुभाने के लिए चन लोगों को तरह-तरह के लालच देकर इन गांवो में रहने के लिए कह रहा है। अगर लोग नहीं मान रहे तो वह लोगों को प्रति वर्ष 30,000 युआन देने का भी वायदा कर रहा है और कई लोगों ने चीन  से मिल रहे पैसों की बात को स्वीकार भी किया है।वही भारत ने चीन की इस चाल का जवाब उसी की भाषा में देना शुरू कर दिया है। भारत ने अरूचाचल से लेकर देश के अन्य हिस्सों पर गांव बसाने शुरू कर दिए हैं। उत्तरी सीमा पर गांवो के बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने का ऐलान भी बजट सैशन में किया गया।भारत ने कहा कि यह गांव अकसर विकास से वंचित रह जाते है, इसलिए इनके विकास के लिए बुनियादी रोडमैप तैयार किया जाएगा।