War Crisis: रूस पर भारी पड़ रहा यूक्रेन ? चीन की शरण में पुतिन, मांगी सैन्य मदद व रक्षा उपकरण !

Spread This

अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि रूस ने चीन से यूक्रेन पर हमले में इस्तेमाल करने के लिए सैन्य उपकरण मांगे हैं। उसके इस अनुरोध ने अमेरिका के शीर्ष सहायकों और चीन की सरकार के बीच रोम में सोमवार को हो रही बैठक के मद्देनजर युद्ध को लेकर तनाव बढ़ा दिया है। वहीं रूस और यूक्रेन में चल रही जंग  को लेकर सवाल उठने लगा है कि क्या यूक्रेन  रूस पर भारी पड़ने लगा है? यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि युद्ध में रूस को चीन की सहायता की जरूरत पड़ गई है।

PunjabKesari

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी  ने दावा किया है कि रूस ने सैन्य के अलावा ड्रोन की भी मदद चीन से मांगी है।  रूस  ने यह मदद ऐसे समय पर मांगी न है, जब अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर चीन को धमकाया गया है। दरअसल, अमेरिका ने रविवार को चीन को चेतावनी जारी की थी। इसके तहत कहा गया था कि, आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस की मदद के लिए अगर चीन आगे आता है, तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे। बताया जा रहा है वित्तीय प्रतिबंध लगने के बाद से रूस आर्थिक तौर पर कमजोर हो रहा है और इसलिए उसे चीन की शरण में जाने की जरूरत पड़ गई।

PunjabKesari

बता दें कि अमेरिका समेत कई बड़े देशों ने रूस के बैंको पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इतना ही नहीं कई बड़ी कंपनियों ने भी रूस में अपनी सेवा रोक दी है। गोपनीयता की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में रूस ने चीन से सैन्य उपकरण समेत अन्य मदद मांगी है। इस संबंध में सबसे पहले खबर फाइनेंशियल टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट ने दी थी। बाइडेन प्रशासन ने चीन पर रूस को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने का भी आरोप लगाया है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के यूक्रेन पर रासायनिक या जैविक हथियारों से हमला करने के लिए एक बहाना हो सकती है।

PunjabKesari

बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बीजिंग रूस के इन गलत दावों का प्रचार कर रहा है कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से रासायनिक और जैविक हथियारों की प्रयोगशालाएं चला रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से चीन अपने दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ नाजुक स्थिति में आ गया है। चीन को इन बाजारों तक पहुंच की जरूरत है लेकिन उसने मॉस्को के प्रति भी समर्थन दिखाया है। उसने कहा है कि रूस के साथ उसकी दोस्ती की ‘‘कोई सीमा नहीं’’ है।